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अनन्त के जल कण (Anant ke Jal Kan)

By चन्द्र प्रभा


GENRE

Poetry

PAGES

246

ISBN

9789360705497

PUBLISHER

StoryMirror

PAPERBACK ₹275 E-BOOK ₹136
Rs. 275
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About the Book:

काव्य अनुभूति का क्षेत्र है। जब जैसी अनुभूति होती है वैसी रचना बन पड़ती है। यदि उस अनुभूति को उसी समय नहीं पकड़ा गया तो वह पक्षी के समान उड़ जाती है। प्रयत्न करके नहीं लिखा जाता। क्योंकि विचारों का प्रवाह दूसरी ओर मुड़ जाता है। कविता लिख डालने के बाद एक दो या कुछ शब्दों का तो हेर- फेर कर सकते हैं ; पर भाव तो वही रहते हैं । इस पुस्तक की कविताएँ विभिन्न कालखण्ड में लिखी गई हैं और प्रायः मुक्त छन्द में हैं। कुछ कविताएँ तो बहुत समय से लिखकर पड़ी रहीं, और प्रकाशित करने का विचार नहीं आया।मेरी सभी कविताएँ रचनायें मुझे प्रिय हैं। किस कवि या लेखक को अपनी रचना प्रिय नहीं होती। इसमें सुधी पाठक भी अपनी अपनी भावना व मनोस्थिति के अनुसार रस व भाव का उद्रेक पायेंगे। शब्दों की अपनी मधुरता और सुगन्ध होती है।


About the Author:


उच्च न्यायिक सेवा से लेखिका सेवानिवृत्त हैं और पति श्री ओम कुमार प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद से सेवानिवृत्त हैं। दिया हुआ नाम चन्द्र प्रभा, डिग्री में नाम राजेन्द्रकुमारी एम.ए.,एल-एल.बी.। बिहार प्रादेशिक न्यायिक सेवा में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त कर प्रथम महिला जज होने का गौरव। “गृहदीप्ति,” “भोगप्रसाद”, “षडरस”, “बेसिक होम कुकिंग”, “भोजन के मीठे कुरकुरे स्वाद”, स्वादिष्ट सब्ज़ियाँ ”, “आश्रिता”(उपन्यास), “जीवन में न्याय”, “सरस कहानियाँ”, “एक ही नीड़” आदि ११ पुस्तकें प्रकाशित। आश्रिता उपन्यास पर के. बी. हिन्दी सेवा न्यास(पंजी)द्वारा “हिन्दी भूषण श्री” सम्मान से सम्मानित। क़रीब छब्बीस साझा संकलनों में रचनायें प्रकाशित । “Indian constitution for Children” पुस्तक यूनीकॉर्न बुक्स से प्रकाशित हुई है।

   निखिल प्रकाशन समूह आगरा के सात साझा संग्रहों में और श्री नवमान पब्लिकेशन्स, अलीगढ़ के चार साझा संग्रहों में रचनायें प्रकाशित हुई हैं और “साहित्य गौरव सम्मान”, “साहित्य वैभव सम्मान” आदि प्राप्त हुए हैं। विद्योत्तमा फ़ाउंडेशन, नासिक से “विद्योत्तमा साहित्य सेवी सम्मान” प्राप्त हुआ है। बृजलोक साहित्य-कला-संस्कृति अकादमी, आगरा से “कलम साधिका” की सम्मानोपाधि मिली है।

    स्टोरीमिरर में प्रकाशित रचनाओं के लिये “लिटरेरी जनरल” सम्मान प्राप्त हुआ है; और “फ़्री इंडिया” कहानी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, तथा अन्य विधाओं में भी क़रीब सौ से अधिक प्रशंसा प्रमाण पत्र मिले हैं। इन्हें ऑथर ऑफ द ईयर २०२१ और २०२२ में नामित किया गया। स्टोरीमिरर से ऑथर ऑफ द ईयर २०२२ का विजेता प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है। शीघ्र प्रकाशनाधीन उपन्यास “बाऊ जी ने कहा था” को स्टोरीमिरर से प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।












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